यशस्वी जायसवाल ने अपनी पारी में बेहद संयम दिखाते हुए 127 गेंदों का सामना किया और 7 शानदार चौकों की मदद से 50 रन बनाए। धीमी लेकिन धैर्यपूर्ण इस पारी के साथ उन्होंने अपने टेस्ट करियर का अब तक का सबसे धीमा अर्धशतक पूरा किया, जो उनके तकनीकी कौशल और मानसिक दृढ़ता का प्रमाण है।

मेलबर्न टेस्ट में भारत के सामने जीत के लिए 340 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था, और इस मुश्किल स्थिति में सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने धैर्य और कुशलता का परिचय देते हुए जुझारू अर्धशतक बनाया। चौथी पारी में 50 रन का आंकड़ा छूने के लिए जायसवाल ने 127 गेंदों का सामना किया और अपनी पारी में 7 शानदार चौके लगाए। यह उनके टेस्ट करियर का अब तक का सबसे धीमा अर्धशतक साबित हुआ।
यशस्वी, जो अब तक अपने छोटे से करियर में 14 अर्धशतक जड़ चुके हैं, उन्होंने इस सीरीज में दूसरी बार सबसे धीमा अर्धशतक बनाने का कारनामा किया। इससे पहले पर्थ टेस्ट में, उन्होंने 123 गेंदों में 50 रन पूरे किए थे। इस पारी से उन्होंने न केवल अपनी तकनीकी मजबूती दिखाई बल्कि यह भी साबित किया कि वह टीम की जरूरत के अनुसार अपनी बल्लेबाजी को ढाल सकते हैं।
मेलबर्न में यशस्वी जायसवाल की इस संयमित और धैर्यपूर्ण पारी ने फैंस को चेतेश्वर पुजारा की याद दिला दी, जिन्होंने पिछले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर इसी अंदाज में खेलते हुए भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। गाबा टेस्ट में पुजारा की 200 गेंदों में अर्धशतक वाली पारी उनकी अद्भुत एकाग्रता और टीम के प्रति समर्पण का उदाहरण बनी थी। जायसवाल की यह पारी भी पुजारा की शैली की झलक देती है, जिसमें धैर्य और परिस्थिति के अनुरूप खेलने का कौशल साफ नजर आता है।













