दिल्ली में यमुना नदी की सफाई की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है, और इसे तीन साल में प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एक सुनियोजित योजना बनाई गई है। इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने की, जिसमें नदी से कचरा निकालने, सीवेज उपचार क्षमता को बढ़ाने और निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के कदम उठाए जा रहे हैं।

रविवार से दिल्ली में यमुना नदी की सफाई का कार्य शुरू हो गया है। इस अभियान के तहत नदी को तीन साल में प्रदूषण मुक्त करने के लिए चार-स्तरीय योजना बनाई गई है। अधिकारियों के अनुसार, सफाई कार्य में कचरा स्किमर, घास हटाने के यंत्र और ड्रेजर जैसे उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प: यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 फरवरी को बीजेपी के विजय उत्सव में यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार इस दिशा में हर संभव प्रयास करेगी, जिसके बाद सफाई अभियान की शुरुआत की गई।
#WATCH | Yamuna cleaning process underway at Delhi's ITO. pic.twitter.com/nsdbeMqsaJ
— ANI (@ANI) February 17, 2025
योजना का खाका: चार मुख्य कदमों पर आधारित है सफाई अभियान
यमुना सफाई के लिए जो चार-स्तरीय योजना बनाई गई है, उसमें निम्नलिखित कार्य शामिल हैं:
- कचरा और सिल्ट की सफाई: नदी से कचरा और सिल्ट निकालने के लिए विभिन्न मशीनों का उपयोग किया जाएगा।
- नालों की सफाई: नजफगढ़ नाला, सहायक नालों और अन्य प्रमुख नालों को भी साफ किया जाएगा।
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की निगरानी: मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता और उनका आउटपुट रोजाना जांचा जाएगा।
- नए STPs का निर्माण: नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और विकेन्द्रीकृत STPs का निर्माण किया जाएगा ताकि नालों से निकलने वाले पानी को ठीक से उपचारित किया जा सके।
विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की आवश्यकता
यमुना सफाई के इस बड़े अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय की आवश्यकता होगी। इसमें दिल्ली नगर निगम, दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण जैसे विभाग शामिल हैं। इस योजना की निगरानी उच्च स्तर पर की जाएगी, और सप्ताहिक समीक्षा की जाएगी।
NGT समिति का गठन और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
2023 में दिल्ली सरकार ने यमुना पुनर्जीवित करने के लिए एक मिशन मोड योजना शुरू की थी, जिसे राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के उच्च-स्तरीय समिति के तहत लागू किया गया था। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इस समिति के गठन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और कोर्ट ने जुलाई 2023 में समिति के गठन पर रोक लगा दी। समिति के कार्यकाल के दौरान प्रदूषण स्तर में थोड़ा सुधार जरूर देखा गया था।
BJP का चुनावी वादा: यमुना कोष और नदी किनारे का विकास
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान, बीजेपी ने अपने चुनावी वचन पत्र में यमुना नदी के पुनर्जीवित करने के लिए “यमुना कोष” बनाने का वादा किया था। इसके अलावा, पार्टी ने सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता को 1000 मिलियन गैलन प्रति दिन (MGD) और सामान्य जल उपचार संयंत्र की क्षमता को 220 MLD तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था।
आगे का रास्ता: दिल्लीवासियों की उम्मीदें
यमुना सफाई अभियान को लेकर दिल्लीवासियों में उम्मीदें बढ़ी हैं। अगर इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जाता है तो यह न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि दिल्ली की जनता के लिए भी एक बड़ी सफलता साबित हो सकती है। यमुना को प्रदूषण से मुक्त करना और उसे पुनर्जीवित करना दिल्ली की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है।





