इस विशाल रेडियो जेट की खोज से हमें ब्रह्मांड के शुरुआती दौर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं।

वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक बहुत ही अनोखी चीज़ खोजी है—एक शक्तिशाली ऊर्जा की धारा, जो करीब 2 लाख प्रकाश वर्ष तक फैली हुई है। यह इतनी बड़ी है कि हमारी मिल्की वे आकाशगंगा से दोगुनी चौड़ी है। सबसे खास बात यह है कि यह तब बनी थी, जब हमारा ब्रह्मांड अपनी मौजूदा उम्र का सिर्फ 10% था। यह खोज ब्रह्मांड के पुराने राज़ खोलने में मदद कर सकती है।
खास टेलीस्कोप से हुई खोज
यह खोज 6 फरवरी को प्रकाशित हुई थी, जिसमें बताया गया कि वैज्ञानिकों ने इस अद्भुत ऊर्जा धारा को देखने के लिए खास तरह के टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया। इनकी मदद से वैज्ञानिक अंतरिक्ष में बहुत दूर तक देख सकते हैं और यह जान सकते हैं कि ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में क्या हुआ होगा।
वैज्ञानिक एनीक ग्लौडेमन्स ने कहा कि अब तक इतनी दूर और इतनी बड़ी ऊर्जा की धारा को ढूंढना मुश्किल था। यह खोज हमें यह समझने में मदद कर सकती है कि ब्रह्मांड की शुरुआत में ऊर्जा किस तरह बिखरी और उसने आकाशगंगाओं को कैसे आकार दिया।
ब्लैक होल और यह ऊर्जा धारा
अक्सर, आकाशगंगाओं के बीच में एक बहुत ही भारी ब्लैक होल होता है, जो अपने पास की हर चीज़ को अपनी तरफ खींच लेता है। जब कोई चीज़ इसमें गिरती है, तो यह बहुत ज़्यादा ऊर्जा छोड़ता है, जिससे तेज़ चमकने वाले तारे जैसे पिंड बनते हैं, जिन्हें क्वासर कहा जाता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ऊर्जा धारा एक क्वासर से निकली थी, जो तब बना जब ब्रह्मांड सिर्फ 1.2 अरब साल पुराना था। यह क्वासर दूसरे बड़े क्वासरों से छोटा था, लेकिन फिर भी इसका वज़न हमारे सूर्य से 450 मिलियन गुना ज़्यादा था।
क्या बड़े ब्लैक होल की ज़रूरत नहीं?
अब तक वैज्ञानिकों को लगता था कि इतनी बड़ी ऊर्जा धारा बनाने के लिए बहुत भारी ब्लैक होल जरूरी होता है, लेकिन यह खोज इस सोच को गलत साबित कर सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि छोटे ब्लैक होल भी इतनी ताकतवर ऊर्जा की धाराएं बना सकते हैं।
अजीब बनावट और असर
इस ऊर्जा धारा की बनावट बाकी खोजी गई धाराओं से अलग है। इसकी दोनों भुजाओं की लंबाई और चमक अलग-अलग है। इससे लगता है कि इसके आसपास की चीज़ों ने इसके आकार और फैलने के तरीके पर असर डाला होगा।
ब्रह्मांड को समझने की नई उम्मीद
यह खोज ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने में मदद कर सकती है। वैज्ञानिक मार्टिन ओई का कहना है, “हमें हमेशा से यह लगता था कि ब्रह्मांड की शुरुआत में भी इतनी लंबी और ताकतवर ऊर्जा धाराएं हो सकती थीं। अब हमें इसका ठोस सबूत मिल गया है।”
यह खोज खगोल विज्ञान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जिस तरह इतिहासकार पुराने समय की चीज़ों का अध्ययन करके उनकी कहानी पता लगाते हैं, वैसे ही यह ऊर्जा धारा ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों की कहानी बताने में मदद कर सकती है।







