CBSE कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा: विशेषज्ञों का कहना है कि इंग्लिश का पेपर संतुलित था और इसकी कठिनाई स्तर आसान से मध्यम रही।

नई दिल्ली: आज (15 फरवरी) CBSE ने 10वीं कक्षा का इंग्लिश का पेपर कराया। परीक्षा देने वाले छात्रों और शिक्षकों के मुताबिक, पेपर अच्छा और संतुलित था। सवाल ज्यादातर आसान से मध्यम स्तर के थे और ज्यादातर छात्रों ने इसे बिना किसी परेशानी के हल किया।
पेपर का स्तर कैसा था?
बेंगलुरु के जैन इंटरनेशनल स्कूल की टीचर महिमा दुजेडा ने कहा, “पेपर की भाषा बहुत साफ-सुथरी और सीधी थी, जिससे बच्चों को समझने और लिखने में आसानी हुई।” उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर टॉपिक पेपर में कवर किए गए थे, जिससे बच्चे तैयार होकर आए थे।
नोएडा के ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल की टीचर सुनीता विरमानी ने कहा, “पेपर थोड़ा लंबा जरूर था, लेकिन बच्चों को इसे हल करने में कोई दिक्कत नहीं आई। बस एक गद्यांश (कहानी का टुकड़ा) थोड़ा मुश्किल लगा, लेकिन फिर भी बच्चों ने उसे सही समय पर कर लिया।”
सीतापुर के विद्याग्यान स्कूल की टीचर प्रार्थना बाजपेयी के मुताबिक, “पेपर बहुत अच्छा था, व्याकरण (ग्रामर) का हिस्सा बेहद आसान था। हालांकि, कहानी और लेखन वाले हिस्से में कुछ सवाल थोड़े घुमा-फिराकर पूछे गए थे, लेकिन वे भी ज्यादा मुश्किल नहीं थे।”
छात्रों की राय
पेपर देने के बाद, विद्याग्यान स्कूल की छात्रा रिया ने कहा, “सब ठीक था, बस दूसरे पैसेज में दो सवाल थोड़े मुश्किल थे!”
वहीं, उनके साथी अक्षय और सौरभ ने कहा, “हमने पेपर बहुत अच्छा किया है और अच्छे नंबर आने की उम्मीद है।”
क्या था सबसे आसान और क्या था थोड़ा मुश्किल?
टीचर्स का कहना है कि –
✅ गद्यांश (Reading Section) – सवाल सीधे थे, लेकिन जवाब ढूंढने के लिए पूरी कहानी ध्यान से पढ़नी पड़ी।
✅ लेखन (Writing Section) – बहुत आसान था, क्योंकि जरूरी बातें और संकेत दिए गए थे।
✅ व्याकरण (Grammar) – सीधा और वही सवाल जो पहले पढ़ाए गए थे।
✅ साहित्य (Literature) – कहानी से जुड़े सवाल भी ज्यादा मुश्किल नहीं थे, बस कुछ में दिमाग लगाना पड़ा।
समय पर पूरा हुआ या नहीं?
ज्यादातर बच्चों ने कहा कि उन्होंने समय से पहले पेपर खत्म कर लिया। हालांकि, कुछ छात्रों को गद्यांश के सवाल हल करने में थोड़ा ज्यादा समय लगा, क्योंकि उन्हें ध्यान से पढ़ना जरूरी था।
कुल मिलाकर कैसा था पेपर?
अगर किसी ने पहले से अच्छे से तैयारी की थी, तो यह पेपर उसके लिए बहुत आसान रहा। जिन बच्चों ने प्रैक्टिस की थी, उनके लिए कोई दिक्कत नहीं हुई। टीचर्स का कहना है कि यह एक अच्छा पेपर था, जो न ज्यादा मुश्किल था और न ही बहुत लंबा।







