फ्रेडरिक मर्ज़ ने जर्मनी के राष्ट्रीय चुनाव में जीत दर्ज की, जबकि 'अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी' ने अपनी समर्थन संख्या दोगुनी कर ली, जिससे यह किसी दक्षिणपंथी पार्टी का अब तक का सबसे प्रभावशाली प्रदर्शन बन गया।

वॉशिंगटन/बर्लिन: जर्मनी के राष्ट्रीय चुनाव में क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) के नेता फ्रेडरिक मर्ज़ की जीत पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुशी जताई और इसे जर्मनी के लिए एक नया अध्याय बताया।
ट्रंप बोले- जर्मनी की जनता ने समझदारी भरा फैसला लिया
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर लिखा, “ऐसा लग रहा है कि जर्मनी में कंजरवेटिव पार्टी ने एक बड़ी और महत्वपूर्ण जीत दर्ज की है। अमेरिका की तरह, जर्मनी के लोग भी गैर-व्यावहारिक नीतियों से ऊब चुके थे, खासकर ऊर्जा और प्रवास से जुड़े मुद्दों पर।”
उन्होंने आगे कहा, “यह जर्मनी के लिए एक शानदार दिन है, और अमेरिका के लिए भी, जो कि डोनाल्ड जे. ट्रंप के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। सभी को बधाई – यह केवल शुरुआत है!”
चुनाव में दक्षिणपंथी दलों का बढ़ता दबदबा
रविवार को हुए इस चुनाव में फ्रेडरिक मर्ज़ की CDU ने जीत दर्ज की, जबकि दक्षिणपंथी पार्टी ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ (AfD) ने भी अप्रत्याशित रूप से शानदार प्रदर्शन किया। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी दक्षिणपंथी पार्टी का सबसे अच्छा चुनावी प्रदर्शन रहा।
वर्तमान चांसलर ओलाफ शॉल्ज़ ने अपनी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) की हार को स्वीकारते हुए कहा कि यह “हमारे लिए एक बेहद निराशाजनक चुनाव परिणाम” है। जर्मनी के प्रमुख समाचार चैनलों ARD और ZDF के अनुमानों के अनुसार, SPD को अपने इतिहास की सबसे खराब चुनावी हार का सामना करना पड़ा, और वह तीसरे स्थान पर खिसक गई।
सरकार बनाने की चुनौती, गठबंधन की जरूरत
चुनाव के बाद फ्रेडरिक मर्ज़ ने कहा कि वह ईस्टर तक गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा। जर्मनी में अलग-अलग विचारधाराओं वाले दलों के कारण गठबंधन बनाना हमेशा एक जटिल प्रक्रिया रही है।
गौरतलब है कि यह चुनाव निर्धारित समय से सात महीने पहले हुआ, क्योंकि बीते नवंबर में चांसलर शॉल्ज़ की गठबंधन सरकार आपसी मतभेदों के चलते गिर गई थी।
अर्थव्यवस्था और प्रवास पर सख्त रुख बना मुद्दा
इस चुनाव में जर्मनी के मतदाताओं ने आर्थिक मंदी और प्रवासियों की बढ़ती संख्या को सबसे बड़ा मुद्दा माना। फ्रेडरिक मर्ज़ ने प्रचार के दौरान आप्रवासन पर कड़ा रुख अपनाने की बात कही, जिससे उन्हें जनता का बड़ा समर्थन मिला।
यूरोप-अमेरिका संबंधों पर असर पड़ेगा?
जर्मनी न केवल यूरोपियन यूनियन का सबसे बड़ा देश है, बल्कि NATO का एक अहम सदस्य भी है। यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति में जर्मनी, अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है।
अब जब डोनाल्ड ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी विदेश नीति और व्यापारिक फैसले जर्मनी सहित पूरे यूरोप के साथ अमेरिका के रिश्तों को कैसे प्रभावित करेंगे।
क्या बदलेगी जर्मनी की नीति?
फ्रेडरिक मर्ज़ की जीत के साथ अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या जर्मनी अपनी ऊर्जा और आप्रवासन नीति में सख्त बदलाव करेगा? क्या अमेरिका और जर्मनी के रिश्तों में कोई नया मोड़ आएगा? आने वाले महीनों में इन सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
(नवभारत न्यूज़ 24×7 की विशेष रिपोर्ट)







