हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने 2025-26 से $200,000 या कम आय वाले परिवारों के छात्रों के लिए ट्यूशन मुफ्त करने की घोषणा की। जानें कौन होगा योग्य और इसका शिक्षा प्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

हजारों छात्रों के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना अब सिर्फ एक सपना नहीं रहेगा, बल्कि एक सच्चाई बन सकता है। 2025-26 शैक्षणिक वर्ष से, हार्वर्ड ने घोषणा की है कि $200,000 या उससे कम वार्षिक आय वाले परिवारों के छात्रों के लिए स्नातक ट्यूशन पूरी तरह से मुफ्त होगी।
कौन होंगे योग्य?
हार्वर्ड की नई वित्तीय सहायता नीति विभिन्न आय वर्गों के परिवारों को लाभ पहुंचाएगी:
- $100,000 या उससे कम आय वाले परिवार: ट्यूशन, हॉस्टल, भोजन और अन्य शुल्क पूरी तरह से कवर होंगे। इसके अलावा, छात्रों को पहले वर्ष में $2,000 का स्टार्ट-अप ग्रांट और तृतीय वर्ष में $2,000 का लॉन्च ग्रांट मिलेगा।
- $100,000–$200,000 आय वाले परिवार: ट्यूशन पूरी तरह से कवर होगा, लेकिन हॉस्टल और अन्य खर्चों के लिए वित्तीय सहायता पारिवारिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगी।
- $200,000 से अधिक आय वाले परिवार: वित्तीय सहायता उपलब्ध होगी, लेकिन गारंटीड नहीं होगी।
यह नीति केवल अमेरिकी नागरिकों पर लागू होगी।
हार्वर्ड ने यह निर्णय क्यों लिया?
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष एलन एम. गार्बर ने इस निर्णय को उच्च शिक्षा को अधिक सुलभ बनाने की दिशा में लंबी अवधि का निवेश बताया।
“हम चाहते हैं कि सबसे प्रतिभाशाली छात्र हार्वर्ड में पढ़ें, चाहे उनका आर्थिक बैकग्राउंड कुछ भी हो। इस निर्णय से शिक्षा एक विशेषाधिकार नहीं, बल्कि एक अधिकार बनी रहेगी।”
हार्वर्ड का यह कदम प्रिंसटन और स्टैनफोर्ड द्वारा पहले से उठाए गए वित्तीय सहायता विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
हार्वर्ड की वित्तीय सहायता पहल
हार्वर्ड पिछले दो दशकों से वित्तीय सहायता का विस्तार कर रहा है:
- 2004: $40,000 या उससे कम आय वाले परिवारों के लिए ट्यूशन कवर करने के लिए Harvard Financial Aid Initiative (HFAI) लॉन्च किया।
- 2012: आय सीमा बढ़ाकर $65,000 की गई।
- 2023: $85,000 तक की आय वाले परिवारों के लिए ट्यूशन पूरी तरह से मुफ्त किया गया।
- 2025: नई नीति के तहत अब $200,000 तक की आय वाले परिवारों के लिए हार्वर्ड ट्यूशन-फ्री होगा।
उच्च शिक्षा पर इसका प्रभाव
हार्वर्ड का यह निर्णय अन्य विश्वविद्यालयों और शिक्षा प्रणाली पर भी प्रभाव डाल सकता है:
- अधिक विविध छात्रसंख्या: वित्तीय बाधाएं हटने से विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र हार्वर्ड में आसानी से प्रवेश ले सकेंगे।
- अन्य विश्वविद्यालयों पर दबाव: हार्वर्ड के इस कदम से अन्य शीर्ष विश्वविद्यालयों को भी वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
- छात्र ऋण में कमी: अमेरिका में छात्र ऋण $1.78 ट्रिलियन को पार कर चुका है, ऐसे में इस तरह की पहल नए स्नातकों पर वित्तीय बोझ को कम करेगी।
एडमिशन अभी भी रहेगा चुनौतीपूर्ण
हालांकि अब अधिकतर छात्रों के लिए ट्यूशन मुफ्त हो जाएगा, लेकिन हार्वर्ड का एडमिशन प्रोसेस अभी भी बेहद प्रतिस्पर्धी रहेगा। हार्वर्ड का स्वीकार्यता दर 4% से भी कम है।
इसलिए, शैक्षणिक उत्कृष्टता, नेतृत्व क्षमता और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में उत्कृष्टता ही प्रवेश के लिए आवश्यक रहेगी। लेकिन अब उन छात्रों को आर्थिक चिंता करने की जरूरत नहीं होगी जो इस प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ने का सपना देखते हैं।
(नवभारत न्यूज़ 24×7 की विशेष रिपोर्ट)







