मुंबई समाचार लाइव अपडेट: सेंट्रल सर्कल के CRS (रेलवे सुरक्षा आयुक्त) द्वारा दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू की गई है।

महाराष्ट्र के जलगांव जिले में एक दुखद घटना घटी, जब कर्नाटका एक्सप्रेस ने 13 यात्रियों को कुचल दिया। यह हादसा तब हुआ जब लखनऊ-सीएसएमटी पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैलने के कारण यात्री भयभीत होकर इधर-उधर दौड़ने लगे, जिससे भगदड़ मच गई। इस दुर्घटना में कई लोगों की जान चली गई, और कई लोग घायल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजे के रूप में देने की घोषणा की है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की सहायता के लिए तत्पर है और हर संभव मदद प्रदान कर रहा है।
यह दुर्घटना कैसे हुई?
अधिकारियों के अनुसार, यह हादसा लगभग शाम 5 बजे महेजी और पारधाने स्टेशनों के बीच पचोरा के पास हुआ। आग की अफवाह फैलने के कारण भयभीत अधिकांश यात्री, जो सामान्य डिब्बे में सवार थे, पास के ट्रैक पर कूद पड़े, और उन्हें तेज़ रफ्तार से आ रही ट्रेन ने अपनी चपेट में ले लिया। जलगांव ट्रेन दुर्घटना में गुरुवार तक मृतकों की संख्या 13 हो गई है, और पुलिस ने पुष्टि की है कि आठ पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक के मोड़ के कारण दृश्यता में बाधा उत्पन्न हो सकती है। जलगांव के संरक्षक मंत्री गुलाबराव पाटिल ने यह भी साफ किया कि आग की अफवाह पूरी तरह से निराधार थी, क्योंकि रेलवे ने पुष्टि की है कि कोई आग नहीं लगी थी।
जांच कहां तक पहुंची है?
रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS), सेंट्रल सर्कल ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। मनोज अरोड़ा, CRS, पचोरा के पास पारधड़े और महेजी रेलवे स्टेशनों के बीच स्थित दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे, जो मुंबई से 400 किलोमीटर से अधिक दूर है, ताकि हादसे के वास्तविक कारणों का पता चल सके।





