नए एफबीआई निदेशक काश पटेल ने एजेंसी को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने का संकल्प लिया है। हालांकि कुछ सीनेटरों ने उनके नियुक्ति का विरोध किया, पटेल ने जनता का विश्वास बहाल करने और अमेरिका के खिलाफ किसी भी खतरे को वैश्विक स्तर पर निशाना बनाने की प्रतिबद्धता जताई। उनका नेतृत्व एफबीआई के लिए एक अहम बदलाव के समय पर आया है।

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नियुक्त एफबीआई (FBI) के नए निदेशक काश पटेल ने पदभार संभालते ही एफबीआई को पारदर्शी, जवाबदेह और न्यायप्रिय बनाने का संकल्प लिया। गुरुवार को अमेरिकी सीनेट से मंजूरी मिलने के बाद, पटेल ने कहा कि संस्था में जनता का भरोसा दोबारा बहाल करना उनका सबसे बड़ा लक्ष्य होगा। उन्होंने अमेरिका के दुश्मनों को सख्त संदेश देते हुए कहा कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
पटेल का बयान: न्याय प्रणाली में लोगों का भरोसा लौटाना पहली प्राथमिकता
पद संभालने के बाद पटेल ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“एफबीआई के नौवें निदेशक के रूप में नियुक्त होना मेरे लिए गर्व की बात है। मैं राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल बॉन्डी का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया। एफबीआई ने हमेशा देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई है—चाहे ‘G-Men’ का दौर रहा हो या 9/11 के बाद की चुनौतियां। अमेरिकी जनता को एक ऐसी एजेंसी चाहिए जो पूरी तरह पारदर्शी और जवाबदेह हो। हमारी न्याय व्यवस्था में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण लोगों का भरोसा कम हुआ है, लेकिन अब इसे फिर से स्थापित करने का समय आ गया है।”
उन्होंने आगे कहा:
“मेरा उद्देश्य स्पष्ट है—एफबीआई को निष्पक्ष और भरोसेमंद बनाना। मैं एफबीआई के समर्पित अधिकारियों के साथ मिलकर काम करूंगा, ताकि इसे एक ऐसी संस्था बनाया जा सके जिस पर हर अमेरिकी को गर्व हो। और जो कोई भी अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। हम उन्हें दुनिया के हर कोने में खोज निकालेंगे। मिशन पहले, अमेरिका हमेशा। अब काम शुरू करते हैं!”
विवादों के बीच सीनेट से मिली मंजूरी
पटेल की नियुक्ति को लेकर सीनेट में काफी बहस हुई। रिपब्लिकन पार्टी के दो सीनेटर लिसा मुर्कोव्स्की (अलास्का) और सुसान कॉलिन्स (मेन) ने उनके खिलाफ मतदान किया, लेकिन बाकी रिपब्लिकन नेताओं ने उनका समर्थन किया। 51-49 के बेहद करीबी अंतर से उनकी नियुक्ति को मंजूरी मिली, जबकि सभी डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने उनके खिलाफ मतदान किया।
पटेल के सामने होंगी ये बड़ी चुनौतियां
एफबीआई निदेशक का कार्यकाल 10 साल का होता है ताकि संस्था की स्वतंत्रता बनी रहे। पटेल ने क्रिस्टोफर रे की जगह ली है, जिन्होंने ट्रंप के सत्ता में लौटने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था।
पटेल ऐसे समय एफबीआई का नेतृत्व कर रहे हैं जब एजेंसी कई विवादों और आंतरिक बदलावों से गुजर रही है। हाल ही में, अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने एफबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया। इसके अलावा, जनवरी 6, 2021 के कैपिटल दंगे की जांच से जुड़े हजारों एफबीआई एजेंटों की पहचान उजागर करने की मांग भी एक अहम मुद्दा बना हुआ है।
काश पटेल: ट्रंप के करीबी और एफबीआई के आलोचक
भारतीय मूल के काश पटेल लंबे समय से डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक रहे हैं। उन्होंने न्याय विभाग में आतंकवाद-रोधी अभियोजनकर्ता और संघीय रक्षा वकील के रूप में सेवाएं दी हैं। ट्रंप प्रशासन में कई अहम पदों पर रहने के साथ ही, वह हाउस इंटेलिजेंस कमेटी में रहते हुए एफबीआई की रूस जांच के बड़े आलोचक रहे हैं।
उनका मानना है कि एफबीआई को राजनीतिक प्रभाव से मुक्त करके निष्पक्ष तरीके से काम करने देना चाहिए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी रणनीति को कैसे लागू करते हैं और एफबीआई की छवि को सुधारने में कितने सफल होते हैं।
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(नवभारत न्यूज़ 24×7 की रिपोर्ट)







