समारोह में बीजेपी के शीर्ष नेताओं और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति को देखते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता रेखा गुप्ता राजधानी की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रही हैं। यह ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को रामलीला मैदान में आयोजित होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री समेत हजारों लोग शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में करीब 50,000 लोगों के जुटने की संभावना है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
शपथ ग्रहण समारोह को लेकर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। 25,000 से अधिक पुलिसकर्मियों और 15 से ज्यादा अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को शहरभर में तैनात किया गया है। खासतौर पर रामलीला मैदान के अंदर और आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “करीब 2,500 संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई है, जहां विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। ऊंची इमारतों पर स्नाइपर्स तैनात हैं, जबकि SWAT टीम, क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT), पीसीआर वैन और कमांडो दस्ते भी अलर्ट पर हैं।” पूरे इलाके में AI-आधारित फेसियल रिकॉग्निशन कैमरों से निगरानी रखी जा रही है, जिससे सुरक्षा को और मजबूत किया गया है।
दिल्ली की सत्ता में 26 साल बाद बीजेपी की वापसी
रेखा गुप्ता की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी के साथ ही आम आदमी पार्टी (AAP) के दस वर्षों के शासन का अंत हो गया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से गुप्ता को नेता चुना गया, जिसके बाद वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने उनकी नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा की। बाद में, रेखा गुप्ता ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
रेखा गुप्ता लंबे समय से बीजेपी संगठन से जुड़ी रही हैं और पार्टी में कई अहम पदों पर रह चुकी हैं। उनकी नियुक्ति को बीजेपी के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जिससे पार्टी दिल्ली में अपना आधार और मजबूत करना चाहती है।
नई सरकार के सामने होंगी कई चुनौतियां
रेखा गुप्ता की सरकार को राजधानी की पुरानी और गंभीर समस्याओं से निपटना होगा, जिनमें जल संकट, प्रदूषण, ट्रैफिक और शिक्षा व्यवस्था में सुधार जैसी चुनौतियां प्रमुख हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार अपने कार्यकाल के पहले 100 दिनों में कई अहम फैसले ले सकती है, जिससे दिल्ली में विकास की गति तेज हो सके।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी अब दिल्ली में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए विकास और प्रशासन पर विशेष ध्यान देगी। केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के साथ-साथ राजधानी में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर भी जोर दिया जाएगा। अब देखने वाली बात होगी कि रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बीजेपी दिल्ली में कैसी सरकार चलाती है और जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है।







