"अगर कोई नागरिक किसी दूसरे देश में अवैध रूप से रह रहा है, तो उसे वापस लेना उसके अपने देश की जिम्मेदारी होती है," जयशंकर ने राज्यसभा में कहा।

नई दिल्ली: अमेरिका से 100 से ज्यादा भारतीय नागरिकों की वापसी पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को संसद में बयान दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग विदेशों में बिना कानूनी कागजातों के रह रहे हैं, उन्हें वापस लाना हर देश की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों से लगातार बातचीत कर रही है ताकि इन लोगों के साथ किसी तरह का गलत व्यवहार न हो।
राज्यसभा में चर्चा के दौरान जयशंकर ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति बिना कानूनी अनुमति के विदेश में रह रहा है, तो उसे वापस लाने की जिम्मेदारी उसी देश की होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले पर नजर बनाए हुए है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लौटे हुए नागरिकों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
अवैध रूप से विदेश भेजने वालों पर सख्ती जरूरी
जयशंकर ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि सरकार का ध्यान सिर्फ लोगों की वापसी पर ही नहीं, बल्कि उन दलालों और एजेंटों पर भी है, जो भोले-भाले लोगों को गैरकानूनी तरीके से विदेश भेजते हैं। उन्होंने कहा, “सरकार इन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी ताकि भविष्य में कोई ऐसी गलती न करे।”
उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लोगों को वापस भेजने की यह प्रक्रिया 2013 से चल रही है और इसमें कोई नया बदलाव नहीं हुआ है।
अमेरिका से लौटे 104 भारतीय
5 फरवरी को अमेरिका की इमिग्रेशन एजेंसी ने 104 भारतीय नागरिकों को विशेष विमान से अमृतसर भेजा। इनमें 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात के, 30 पंजाब के, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के, जबकि दो चंडीगढ़ के रहने वाले थे।
भारत आने के बाद इन लोगों से पूछताछ की जा रही है ताकि पता चल सके कि वे किस रास्ते से अमेरिका पहुंचे थे और किन एजेंटों ने इसमें उनकी मदद की थी।
विपक्ष का विरोध, संसद में उठा मुद्दा
अमेरिका से भारतीय नागरिकों की वापसी का मुद्दा संसद में भी गूंजा। विपक्षी दलों ने इस पर विस्तार से चर्चा की मांग की और सरकार को घेरा।
अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरुजीत सिंह औजला समेत कई विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में हाथ में हथकड़ियां पहनकर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे आगे भारतीयों को इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े।
शशि थरूर ने अमेरिका के फैसले को बताया गलत
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका की ओर से उठाए गए कदम को “अनावश्यक” बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अपने देश में बिना अनुमति के रहने वालों को वापस भेजने का अधिकार है, लेकिन जिस तरह से इन भारतीयों को भेजा गया, वह सही नहीं था।
उन्होंने कहा, “ये लोग कोई अपराधी नहीं थे। अमेरिका को इन्हें आम यात्री विमानों से भेजना चाहिए था, न कि विशेष विमान से।”
थरूर ने यह भी बताया कि 2024 में अमेरिका ने 1100 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को देश से बाहर निकाला था। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि वह अमेरिकी प्रशासन से इस मुद्दे पर बात करे और भविष्य में इस तरह के कड़े कदमों को रोकने की कोशिश करे।
सरकार का रुख और आगे की योजना
भारत सरकार इस पूरे मामले पर गंभीरता से नजर रखे हुए है और अमेरिकी अधिकारियों से लगातार बातचीत कर रही है। सरकार का मानना है कि सिर्फ लोगों की वापसी से समस्या हल नहीं होगी, बल्कि उन एजेंटों और गिरोहों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी जो लोगों को गलत तरीके से विदेश भेजते हैं।
जयशंकर ने संसद में कहा कि सरकार आगे भी ऐसे मामलों पर ध्यान देती रहेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि जो लोग वापस आ रहे हैं, उन्हें सही तरीके से मदद और जरूरी सुविधाएं दी जाएं।







