केंद्र सरकार ने पूर्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया है। दास, जो आर्थिक नीतियों के विशेषज्ञ माने जाते हैं, इससे पहले आर्थिक मामलों के सचिव के पद पर रह चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने प्रशासन में कुशल और अनुभवी अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं। इसी कड़ी में सरकार ने शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया है। वह इस पद पर प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक अपनी सेवाएं देंगे।
आरबीआई गवर्नर से पीएमओ तक का सफर
शक्तिकांत दास ने दिसंबर 2024 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने छह साल तक भारतीय बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की बागडोर संभाली और अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए कई अहम फैसले लिए। उनके कार्यकाल में बैंकिंग नियमों को मजबूत किया गया और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFC) में सुधार किए गए।
वित्त मंत्रालय में निभाई अहम भूमिका
- 2017 में आर्थिक मामलों के सचिव रहते हुए उन्होंने GST लागू करने की प्रक्रिया में अहम योगदान दिया।
- नोटबंदी के बाद की आर्थिक स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- वित्तीय सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार को रणनीतिक मार्गदर्शन दिया।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व
शक्तिकांत दास ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का प्रभावी प्रतिनिधित्व किया है।
- उन्होंने IMF, G-20 और BRICS जैसे महत्वपूर्ण मंचों पर भारत की ओर से भाग लिया।
- 1991 में IMF से 22 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की बातचीत में सक्रिय भूमिका निभाई।
- वे G-20 शिखर सम्मेलनों में भारत के शेरपा भी रह चुके हैं।
शिक्षा और प्रशासनिक करियर
1957 में ओडिशा में जन्मे शक्तिकांत दास ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की और फिर यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम (UK) से लोक प्रशासन में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
1980 में IAS अधिकारी के रूप में तमिलनाडु कैडर में नियुक्त हुए, जहां उन्होंने वाणिज्य कर आयुक्त और उद्योग विभाग के प्रधान सचिव जैसे प्रमुख पदों पर काम किया। बाद में वे केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय में शामिल हुए और कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं।
नई जिम्मेदारी में चुनौतियां और उम्मीदें
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में शक्तिकांत दास की भूमिका बेहद अहम होगी। उनकी वित्तीय समझ और प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए, सरकार के बड़े नीतिगत फैसलों में उनका योगदान प्रभावी रहेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे प्रधानमंत्री कार्यालय में अपनी नई जिम्मेदारी कैसे निभाते हैं और देश की आर्थिक रणनीतियों को किस दिशा में आगे बढ़ाते हैं।
(नवभारत न्यूज़ 24×7 की विशेष रिपोर्ट)





