गुरुवार को Starship ने परीक्षण उड़ान के दौरान नकली सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में छोड़ने के लिए उड़ान भरी। यह लॉन्च करीब 2 महीने बाद हुआ, जब पिछला प्रयास विस्फोट के कारण असफल हो गया था।

गुरुवार को स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट लॉन्च के कुछ ही मिनटों बाद नियंत्रण खो बैठा और टूटकर बिखर गया। उड़ान के दौरान इसके इंजन बंद हो गए और यह घूमते हुए असंतुलित हो गया। कुछ देर बाद फ्लोरिडा और बहामास के आसमान में जलते हुए मलबे के गिरने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
हवाई अड्डों पर उड़ानों पर रोक
इस घटना के बाद अमेरिकी विमानन विभाग (FAA) ने मियामी, फोर्ट लॉडरडेल, पाम बीच और ऑरलैंडो हवाई अड्डों पर उड़ानों को रोक दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह रोक रात 8 बजे तक लागू रही ताकि कोई हादसा न हो।
स्पेसएक्स का बयान
स्पेसएक्स ने कहा कि स्टारशिप उड़ान के दौरान अचानक बेकाबू हो गया और कंपनी का संपर्क टूट गया। कंपनी के मुताबिक, सुरक्षा नियमों के तहत तुरंत जरूरी कदम उठाए गए।
स्पेसएक्स ने आगे कहा—
“हम इस मिशन के डेटा की समीक्षा करेंगे ताकि यह समझ सकें कि गड़बड़ी कहां हुई। हर परीक्षण से कुछ सीख मिलती है और इस अनुभव से हमें स्टारशिप को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।”
पहले भी हुआ था ऐसा हादसा
इससे पहले जनवरी में भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जब स्टारशिप लॉन्च के कुछ मिनटों बाद ही फट गया था और इसके टुकड़े समुद्र में गिर गए थे।
लॉन्च के दौरान क्या हुआ?
इस बार भी शुरुआत में सब कुछ सही लग रहा था। रॉकेट ने टेक्सास से सफलतापूर्वक उड़ान भरी और पहले हिस्से को सही-सलामत नीचे उतारा गया। लेकिन इसके बाद स्टारशिप ने संतुलन खो दिया और कंपनी का उससे संपर्क टूट गया।
नासा भी रख रहा था नजर
इस मिशन पर नासा की खास नजर थी, क्योंकि चांद पर जाने वाले भविष्य के मिशन के लिए यही रॉकेट इस्तेमाल होना है। इस परीक्षण में चार नकली सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में छोड़ना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
स्पेसएक्स ने किए थे सुधार, फिर भी नाकाम
जनवरी में हुए हादसे के बाद स्पेसएक्स ने रॉकेट में कई बदलाव किए, लेकिन इसके बावजूद यह मिशन सफल नहीं हो सका।
हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने सुरक्षा जांच के बाद ही लॉन्च की मंजूरी दी थी। अब कंपनी को एक बार फिर अपनी तकनीक में सुधार करना होगा।
अब आगे क्या होगा?
स्पेसएक्स का कहना है कि हर असफलता से सीख मिलती है और वे अगले परीक्षण में सुधार करेंगे। कंपनी का लक्ष्य स्टारशिप को इतना मजबूत बनाना है कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
(नवभारत न्यूज़ 24×7 की विशेष रिपोर्ट)







